प्लेटलेट्स काउंट ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या को मापने की प्रक्रिया है। प्लेटलेट्स, जिसे थ्रॉम्बोसाइट्स भी कहा जाता है, रक्त के छोटे कोशिकीय अंश होते हैं जो रक्त का थक्का बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए जानते हैं, प्लेटलेट्स क्यों घटता है, प्लेटलेट्स काउंट कितना होना चाहिए, प्लेटलेट्स कम होने पर क्या होता है, प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण, इत्यादि।
प्लेटलेट्स काउंट कितना होना चाहिए? (platelet kitna hona chahiye)
प्लेटलेट नार्मल रेंज 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलिटर (μL) ब्लड होती है। अगर प्लेटलेट्स काउंट नार्मल रेंज से नीचे होता है, तो इसे थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है, और यदि यह सीमा से अधिक होता है, तो इसे थ्रॉम्बोसाइटोसिस कहा जाता है।
थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया के कारणों में शामिल हो सकते हैं:
- वायरल इंफेक्शन (जैसे डेंगू, HIV)
- कुछ दवाइयाँ
- ऑटोइम्यून बीमारियाँ
- बोन मैरो की समस्याएँ
थ्रॉम्बोसाइटोसिस के कारणों में शामिल हो सकते हैं:
- बोन मैरो विकार
- लंबे समय से हो रही सूजन
- कैंसर
प्लेटलेट्स काउंट की जांच आमतौर पर नॉर्मल ब्लड टेस्ट (CBC) से की जाती है।
प्लेटलेट्स कम होने के क्या लक्षण है? (platelet kam hone ke lakshan)
प्लेटलेट्स कम होने पर क्या होता है? प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- आसानी से चोट लगना: हल्की चोट लगने पर भी त्वचा पर नीले या बैंगनी रंग के धब्बे (ब्रूस) बन सकते हैं। यह प्लेटलेट कम होने के लक्षण भी हो सकते हैं।
- बार–बार नाक से खून आना: नाक से अक्सर खून आना या नाक का खून रोकना मुश्किल होना।
- मसूड़ों से खून आना: ब्रश करते समय या बिना किसी कारण के मसूड़ों से खून आना।
- महिलाओं में भारी मासिक धर्म: मासिक धर्म के दौरान सामान्य से अधिक खून बहना।
- त्वचा पर लाल–लाल धब्बे: त्वचा पर छोटे-छोटे लाल धब्बे जो रैश या पिन प्रिक्स की तरह दिखते हैं (पेटेचिया)।
- थकान: सामान्य से अधिक थकान महसूस करना।
- खून का धीमा थमना: कट या चोट लगने पर खून का धीमा रुकना।
- ब्लीडिंग गम्स: मसूड़ों से खून आना, विशेष रूप से ब्रश करते समय।
- ब्लीडिंग मूत्र या मल: मूत्र या मल में खून आना।
अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हों, तो डॉक्टर से परामर्श करें। प्लेटलेट्स की गंभीर कमी से खतरनाक आंतरिक ब्लीडिंग हो सकती है, जो जीवन के लिए घातक है।
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प्लेटलेट्स डाउन होने के कारण क्या है? (causes low platelets)
प्लेटलेट्स क्यों घटता है? प्लेटलेट्स की कमी के कई कारण हो सकते हैं। सामान्यतः प्लेटलेट्स घटने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- वायरल इंफेक्शन: डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, हेपेटाइटिस, HIV, और मम्प्स जैसी वायरल बीमारियाँ प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकती हैं।
- दवाइयाँ: कुछ दवाइयाँ, जैसे कि कैंसर के इलाज के लिए उपयोग होने वाली केमोथेरेपी, एंटीबायोटिक्स, और अन्य दवाइयाँ, प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकती हैं।
- ऑटोइम्यून बीमारियाँ: इम्यून थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (ITP) जैसी बीमारियों में शरीर का इम्यून सिस्टम प्लेटलेट्स पर हमला करता है और उन्हें नष्ट कर देता है।
- बोन मैरो विकार: बोन मैरो की बीमारियाँ, जैसे कि ल्यूकेमिया, एनीमिया, और एप्लास्टिक एनीमिया, प्लेटलेट्स के उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं।
- ज्यादा शराब का सेवन: अत्यधिक शराब का सेवन बोन मैरो को प्रभावित कर सकता है, जिससे प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
- प्रेग्नेंसी: कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
- विटामिन की कमी: विटामिन B12 और फोलेट की कमी प्लेटलेट्स की कमी का कारण बन सकती है।
- स्प्लेनिक सिक्वेस्ट्रेशन: प्लीहा (स्प्लीन) में प्लेटलेट्स का अधिक संग्रहण भी प्लेटलेट्स की कमी का कारण हो सकता है।
- रक्तस्राव: गंभीर रक्तस्राव के बाद प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
प्लेटलेट्स की कमी के कारण का सही पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। वे विभिन्न टेस्ट के माध्यम से सही कारण का पता लगाकर उचित उपचार का निर्णय कर सकते हैं।
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प्लेटलेट्स की कमी से होने वाले रोग कौन से हैं?
प्लेटलेट्स की कमी से होने वाले रोग निम्नलिखित है:-
- एनीमिया : यह एक रक्त से जुड़ी बीमारी है, जिसमें रेड ब्लड सेल की संख्या या हिमोग्लोबिन लेवल कम हो जाता है।
- थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक परप्यूरा (TTP) : यह एक गंभीर दुर्लभ विकार है जो शरीर को खून के थक्के बनाने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह हृदय, किडनी और मस्तिष्क जैसे जरूरी अंगों में ब्लड फ्लो को रोकता है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल कौन से है? (diseases caused by platelet deficiency)
प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने वाले फल और खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं:
- पपीता और पपीते के पत्ते: पपीते और उसके पत्तों का रस प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में बहुत प्रभावी माना जाता है।
- कीवी: कीवी विटामिन C, विटामिन K, और विटामिन E से भरपूर होता है, जो प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
- अनार: अनार में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C होते हैं, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
- नींबू: नींबू में विटामिन C की उच्च मात्रा होती है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद करती है।
- अमरूद: अमरूद विटामिन C से भरपूर होता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
- नारंगी और संतरे: ये फल विटामिन C से भरपूर होते हैं, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- पपीता: पपीते के फल और पत्तों का रस प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में प्रभावी होता है।
- बेरीज: स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, और रास्पबेरी जैसे बेरीज विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- खजूर: खजूर आयरन से भरपूर होता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
इन फलों को अपने आहार में शामिल करने से प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यदि प्लेटलेट्स की कमी गंभीर हो, तो चिकित्सक से परामर्श और उचित चिकित्सा उपचार आवश्यक है।
प्लेटलेट्स कम होने पर क्या नहीं खाना चाहिए? (What not to eat when platelets are low)
प्लेटलेट्स की कमी होने पर कुछ खाद्य पदार्थों से बचना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं या प्लेटलेट्स की संख्या को और कम कर सकते हैं। निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए:
- अल्कोहल: शराब का सेवन प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकता है और रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकता है।
- अत्यधिक मसालेदार और तली–भुनी चीजें: ये खाद्य पदार्थ पेट की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं और प्लेटलेट्स की कमी को और गंभीर बना सकते हैं।
- एस्पिरिन और कुछ अन्य दवाएं: एस्पिरिन और कुछ अन्य दर्द निवारक दवाएं प्लेटलेट्स की क्रियाशीलता को प्रभावित कर सकती हैं। इन्हें लेने से पहले चिकित्सक से परामर्श लें।
- क्विनाइन युक्त खाद्य पदार्थ: टॉनिक पानी और कुछ कड़वी खाद्य पदार्थों में क्विनाइन होता है, जो प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकता है।
- अत्यधिक नमक: अत्यधिक नमक का सेवन शरीर में पानी की कमी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जिससे प्लेटलेट्स की कमी और बढ़ सकती है।
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में उच्च मात्रा में परिरक्षकों, रसायनों और अतिरिक्त शर्करा हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
- ग्रीन टी: ग्रीन टी में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो रक्त पतला कर सकते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकते हैं।
- अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ: उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकते हैं और शरीर की सूजन को बढ़ा सकते हैं।
- रक्त पतला करने वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थ: अदरक, लहसुन, और प्याज जैसे खाद्य पदार्थ प्राकृतिक रूप से रक्त को पतला कर सकते हैं, जिससे प्लेटलेट्स की कमी और बढ़ सकती है।
प्लेटलेट्स की कमी के दौरान सही आहार और उचित चिकित्सा देखभाल महत्वपूर्ण है। आहार में शामिल खाद्य पदार्थों के बारे में अधिक जानकारी और सलाह के लिए हमेशा चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।