कोरोना ने एक बार फिर से लोगों को डराना शुरू कर दिया है। देशभर में नए सब वेरिएंट जेएन.1 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों ने मास्क लगाने की सलाह देनी शुरू कर दी है। एक्सपर्ट तेजी से कोरोना टेस्ट कराने का सलाह दे रहे हैं। कोरोना के लगातार बढ़ते नजर आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना के प्रति जागरुक रहना बहुत जरूरी है। Coronavirus JN.1 Variant
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में शामिल किया है। WHO का कहना है कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 वैरिएंट पर पूरी तरह से कारगर है। इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने सावधानी के तौर पर एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कुछ स्थितियों में लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। इसी के साथ सोशल डिस्टेंशिंग की भी बात कही गई है। Coronavirus JN.1 Variant
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कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामला कब सामने आया?
वेरिएंट जेएन.1 कोविड-19 का यह सब-वैरिएंट है। इसका पहला मामला अमेरिका के लक्जमबर्ग में मिला था। यह ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट से आया है। इसका सोर्स पिरोला वैरायटी BA.2.86 है। इसमें स्पाइक प्रोटीन आल्टरेशन हैं जो इसे अधिक संक्रामक और इम्यून सिस्टम को चकमा देने वाला बना देते हैं। यदि हम भारत की बात करें तो इसका पहला मामला 8 दिसंबर को सामने आया था। केरल में 79 साल की एक बुजुर्ग महिला इससे संक्रमित हुई थी। Coronavirus JN.1 Variant
कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 के लक्षण क्या है? Coronavirus JN.1 Variant Symptoms
कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 के लक्षण निम्नलिखित है:-
- गला खराब होना
- बुखार
- सिर दर्द
- अत्यधिक थकान
- बहती नाक
- थकावट और मांसपेशियों में कमजोरी
- कुछ मामलों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं भी हो सकती है। Coronavirus JN.1 Variant
डॉक्टरों का कहना है कि अगर इसके लक्षण दो दिन से ज्यादा समय तक बने रहते हैं तो कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक ने कहा है कहा कि कोरोना को सामान्य सर्दी के रूप में न लेने को लेकर आगाह किया। उन्होंने बताया है कि अगर गंभीर रूप से बीमार हैं और लंबे समय तक प्रभाव देखे जा रहे हैं, तो इसे सामान्य सर्दी जुकाम न समझें। Coronavirus JN.1 Variant
कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 कितना संक्रामक और खतरनाक है?
जाने माने वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर टी जैकब जॉन के अनुसार, “ ये बहुत घातक नहीं है लेकिन बहुत तेज़ी से फैलता है। अब तक यह 40 से ज़्यादा देशों में ये फैल चुका है। वहीं एक मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायलॉजी की प्रोफ़ेसर ने बीबीसी को बताया, “ये इन्फ्लूएंजा से ज़्यादा ख़तरनाक़ है और इसे लेकर बुजुर्गों और दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों को चिंता करनी चाहिए। यह ओमिक्रॉन या पहले कोरोना की तरह ही छींक से निकलने वाले बूंदों से हवा में फैलता है। ओमिक्रॉन के दूसरे सब वेरिएंट्स के मुकाबले नाक और गले से निकलने वाले फ्लूड में वायरल ज्यादा होता है।” Coronavirus JN.1 Variant