शायद ऐसा कोई नहीं होगा जिसने इन दो बिमारियों का नाम ना सुना हो | आजकल काफी लोग इसका शिकार बन रहे हैं | हम सभी जानते हैं की ये दोनों बीमारियाँ मछर के काटने से होती हैं | तो जब हम जानते हैं की ये बीमारी कैसे होती है और इससे कैसे दूर रह सकते तो फिर क्यों और कैसे इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं? Dengue Chikungunya
कई बार सारे सावधानी बरतने के बाद भी हम डेंगू – चिकनगुनिया के मछर से काटने से बच नहीं पाते हैं। ऐसे में इन बिमारियों के कारण के साथ ये जानना भी ज़रूरी है की अगर आपको ये बीमारियाँ हो जाती हैं तो कैसे इससे निपटा जाये। डेंगू और चिकगुनिया में क्या फरक है, कौन सी बीमारी ज्यादा खतरनाक है? इन दोनों बिमारियां आपको बहुत लम्बे समय तक परेशान कर सकते हैं तो इनसे बचना भी बहुत ज़रूरी है। तो चलीए जानते हैं, डेंगू और चिकनगुनिया के कुछ घरेलू नुस्खे। अगर आपकी बीमारी ज़यादा गंभीर नहीं है तो इसे घरेलू इलाज के द्वारा ही ठीक किया जा सकता हैं |
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डेंगू और चिकनगुनिया क्या है?
ये तो हम सभी जानते हैं की ये दोनों बीमारियाँ वायरस के शरीर में जाने से होती है जो एडीज मच्छर के द्वारा संक्रमित होता है | एडीज मच्छर पर काले और सफेद रंग की स्ट्रिप होती हैं और ये दिन के समय में बहुत ज्यादा सक्रिय होते हैं , खास कर सुबह के वक़्त और देर दोपगहरिया में। ये मच्छर रुके हुए या इकठा हुए पानी में पनप सकते हैं | ख़ासकर मानसून के टाइम। गर्मियों में कूलर के अन्दर के पानी में भी ये मच्छर पनप सकते हैं |
डेंगू जिस वायरस से होता है उसके चार अलग-अलग स्ट्रेन हैं तो अगर आप किसी एक स्ट्रेन से संक्रमित होते हैं तो आप उस विशेष स्ट्रेन से प्रतिरक्षित हो जायेंगे लेकिन बाकि 3 का खतरा बना रहता है | डेंगू माइल्ड से गंभीर रूप ले सकता है | गंभीर होने के केस में अगर अच्छे से ध्यान ना दिया जाये तो यह घातक भी हो सकता हैं यानि की मौत भी हो सकती है | डेंगू का सबसे गंभीर रूप है DHF – यानि डेंगू Hemorrhagic Fever (DHF), जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है अगर टाइम से इलाज ना किया जाये तो इसमें गंभीर आंतरिक रक्तस्राव, ऑर्गन फेलियोर और सदमा लग सकता है |
दूसरी तरफ अगर चिकनगुनिया की बात करें तो ये डेंगू जितना गंभीर नहीं है लेकिन इसमें तीव्र जोड़ों का दर्द हो सकता है, जो कुछ हफ़्तों से लेकर कुछ महीनो तक परेशान कर सकता है। चलिए अब बात करते हैं इन दोनों के लक्षण क्या है? कुछ लक्षण काफी समान हैं लेकिन कुछ अलग-अलग भी हैं। ये फर्क जानना भी ज़रूरी है ताकि उसी हिसाब से इलाज किया जा सके। Dengue Chikungunya
डेंगू के लक्षण क्या है?
- तेज बुखैर – 104 तक बुखार हो सकता है |
- गंभीर सरदर्द हो सकता हैं खासकर कई बार आँखों के पीछे काफी दर्द होता है।
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
- स्किन पर रैशेज हो सकते हैं , जो ज्यादातर दुसरे या तीसरे दिन दिखने लगते हैं।
- जी मिचलाना और उल्टी हो सकती है
- बहुत ज्यादा थक्कान होना
- ज़्यादातर मामलो में आंतरिक ब्लीडिंग हो सकती हैं , नाक , मुंह , मसूड़ों से खून आना, स्टूल में खून आना या आंतरिक ब्लीडिंग यानि डेंगू डेंगू बुखार होना.
चिकनगुनिया के लक्षण क्या है?
- इसमें भी तेज बुखार (102°F to 104°F) आ सकता है जो 2-3 दिनों तक रह सकता है , डेंगू में fever ज्यादा दिनों तक रहता है |
- जोड़ों में , खासकर कलाई, टखने, और घुटने में बहुत ज्यादा दर्द होता है , चिकनगुनिया में डेंगू के मुकाबले ज्यादा तीव्र जोड़ों का दर्द होता है जो बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर बाद में अर्थराइटिस का रूप भी ले सकता है। इसके साथ ही जोड़ों में सूजन भी आ सकती है जो कई महीनो तक चल सकती है |
- कुछ मामलों में स्किन रैशेज भी आ सकते हैं लेकिन इसके चांस डेंगू में ज्यादा होते हैं |
- थक्कान और कमजोरी तो आती है | कुछ लोगों को डायरिया, दस्त भी हो सकते हैं |
यदि हम बात करें तो डेंगू ज्यादा घातक हो सकता हैं लेकिन सिर्फ 5% मामलों में ही क्रटिकल होते हैं क्योंकि इसमें आंतरिक रक्तश्राव और हेमरेज का खतरा होता है , साथ ही ब्लड प्लेटलेट के कम होने का ज्यादा खतरा होता है वहीँ चिकनगुनिया में ब्लड प्लेडलेट उतनी कम नहीं होती ,लेकिन ज्यादा समय तक जोड़ों का दर्द होता है, यहाँ तक की अर्थराइटिस होने का रिस्क होता है जो डेंगू में नहीं होता। Dengue Chikungunya
प्लेटलेट कम होने का खतरा डेंगू में ज्यादा रहता है ऐसे में आपको ब्लड प्लेटलेट्स टेस्ट करवाने हैं | पैनिक ना करें। 50 हज़ार से कम होने के बाद ही आपको हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ सकता हैं , उससे पहले आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं , आप घर पर रहकर भी ठीक हो सकते हैं |
डेंगू या चिकनगुनिया से कैसे बचें?
ऐसे में कई उपाय के द्वारा आप चिकनगुनिया या डेंगू से बचाव कर सकते हैं:-
- जैसे पानी जमा ना होने दें
- सफाई रखें, घरों में दरवाज़ों, खिडकियों में जाली लगाकर रखें
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
- बाहर जाने पर मच्छर दूर भागने वाला प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें
- पूरी बांह के कपडे पहनें
- घरों में मच्छर कॉइल, वेपोराइज़र या सिट्रोनेला आवश्यक तेल की कैंडल इस्तेमाल करें।
अगर आपको डेंगू या चिकिनगुनिया हो जाता है तो क्या करें?
ज्यादातर मामलों में आपको हॉस्पिटल में एडमिट होने की ज़रूरत नहीं होती, जब तक आपकी ब्लड प्लेटलेट काउंट बहुत ज्यादा नीचे ना चली जाए। हलाकि आपको डॉक्टर से कंसल्ट ज़रूर करना है। लेकिन ये घरेलू उपाय भी अपनाएं क्योंकि ये आपको जल्दी रिकवर करने में मदद करती है। Dengue Chikungunya
- सबसे पहले आपको अपना वाटर इन्टेक की क्षमता को बढ़ाना है। जितना पानी आप normally पीते हैं आपको उससे कम से कम डेढ़ गुना ज्यादा पानी पीना है।
- नारियल पानी, निम्बू पानी, लेमन टी भी शामिल कर सकते हैं |
- इलेक्ट्राल पाउडर, ORS को भी डाइट में शामिल करें, ये आपको हाइड्रेट तो रखेगा ही साथ ही आपकी किडनी के टॉक्सीन को बाहर निकालने में भी मदद करता है।| यूरिन सही से पास होना चाहिए ताकि बॉडी टेम्परेचर सही रहे।
- याद रखें ठंडा पानी नहीं पीना है।
- सुगरी और अनहेल्दी ड्रिंक से दूर रहें।
- अल्कॉहल और स्मोकिंग से तो बिलकुल दूर रहना है।
- पपीते के पत्तों का जूस: 1 पत्ते का जूस सुबह और 1 पत्ते का जूस शाम को ज़रूर पिएं , ये आपके प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने में मदद करता है। एक सप्ताह तक इसका सेवन लगातार करें। पत्ते को मिक्सी में थोडा सा पानी डालकर ग्राइंड कर लें। एक कप जूस निकाल लें। इसके कैप्शूल भी मिलते हैं लेकिन फ्रेश जूस जल्दी रिकवर करने में मदद करता है और अगर आपको पत्ते नहीं मिल रहे हैं तो आप कैप्सूल भी ले सकते हैं। Dengue Chikungunya
- गिलोय का काढ़ा बनाकर ले सकते हैं , ये आपकी इम्यूनिटी को तो बूस्ट करने के साथ ही बुखार को कम करने में भी मदद करता है। 1 इंच की गिलोय की टहनी को 1 गिलास पानी में उबाल लें और ये पानी एक चौथाई रह जाने पर छानकर पी लें। अगर कड़वा लगे तो छोटा सा गुड का टुकड़ा ले सकते हैं।
- आप कुटकी और चिरायता का काढ़ा बनाकर भी ले सकते हैं। 1 – 1 gm दोनों जड़ीबूटियां लेकर 1 गिलास पानी में उबाल लें , और ये पानी एक चौथाई रह जाने पर छानकर पी लें | या रात भर पानी में भिगोकर सुबह छानकर पी लें। अगर कड़वा लगे तो छोटा सा गुड का टुकड़ा ले सकते हैं। ये काढ़ा बुखार नाशक माना जाता है और पेट की सफाई के साथ – साथ खून की सफाई भी करता है |
- चिकनगुनिया में क्यूंकि जोड़ों में सूजन की समस्या होती है तो ऐसे में आप रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं , ये सूजन तो कम करेगा ही साथ ही आपको नींद में भी मदद करता है।| इसमें चुटकी भर काली मिर्च भी डाल लें जो हल्दी के कर्चुमिन के अवशोषण को बढ़ाने में मदद करती है। Dengue Chikungunya
- गुनगुने पानी में इप्सोम सॉल्ट डालकर जोड़ों की सिकाई कर सकते हैं। सरसों के तेल से जोड़ों की मालिश ज़रूर करें | जैतून के तेल में रोजमेरी एसेंशियल आयल मिलाकर भी जोड़ों ही नहीं पुरे शरीर की मालिश कर सकते हैं।
- पैरों के तलवों में घी लगाकर कांसे की कटोरी या चम्मच से कम से कम आधे घंटे तक मालिश करें | ये आपको रोज़ करना है। ये आपके बुखार को कम करने में मदद करता है और बुखार को खत्म करता है।
- अदरक की चाय पिएं – अदरक में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होती हैं जो दर्द और सूजन में रिलीफ देने में मदद करती है।|
डेंगू और चिकनगुनिया में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं?
हेल्दी रहने के लिए और किसी भी बीमारी से उबरने के लिए डाइट का सबसे बड़ा रोल होता है। तो चलिए जान लेते हैं की डेंगू और चिकनगुनिया से रिकवर करने के लिए कौन सी चीज़ें डाइट में शामिल कर सकते हैं और कौन सी चीज़ें को नहीं खाएं:-
- ऑयली और स्पाइसी फूड से दूर रहें क्योंकि इस टाइम आपका पाचन क्रिया कमजोर होता है जो ऑयली और स्पाइसी खाना पचा नहीं पाता है।
- कैफीन यानि चाय काफी कम पिएं क्योंकि इनका ज्यादा सेवन शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है। Dengue Chikungunya
- शराब और धूम्रपान से दूर रहे क्योंकि ये आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और आपकी रिकवरी में रुकावट पैदा कर सकता है |
डेंगू और चिकनगुनिया में क्या खाएं?
डेंगू और चिकनगुनिया में क्या खाना चाहिए, यह आपकी रिकवरी रेट को बढ़ाता है।:-
- इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल का सेवन करें जैसे संतरा, किवी, और हां पपीते के पत्तों के साथ – साथ पपीता भी खाएं |
- हरी सब्जियां कह्यें ताकि आपको रिकवर करने के लिए ज़रूरी पोषक तत्व मिल सके।
- प्रोटीन से भरपूर आहार लें, जैसे आंडा, मछली और दाले खाएं ताकि बॉडी में मसल्स रिपेयर जल्दी हो सके।
- टेस्ट जो डेंगू और चिकनगुनिया का पता लगाने के लिए किये जाते हैं वो हैं – IgM serology, NS1 ELISA और सबसे जरूरी PCR test किया जाता है |
डेंगू और Chiknguniya ऐसी बीमारियाँ हैं जो अगर ध्यान ना रखा जाये तो ठीक होने के बाद कई बार प्रभाव भी छोड़ जाती हैं। खासकर अगर आपको डेंगू Hemorrhagic Fever (DHF) या डेंगू Shock Syndrome (DSS) हो जाता है। वहीँ चिकनगुनिया के केस में लंबे समय तक जोड़ों का दर्द, रूमेटोइड गठिया भी हो सकता हैं, जोड़ों में अकड़न, गतिहीनता, मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती हैं। सोने में दिक्कत हो सकती हैं | कुछ मामलों में त्वचा रंजकता भी हो सकती है | Dengue Chikungunya
इसके साथ ही कमजोरी, बाल झड़ना, लीवर में सूजन, अवसाद, चिंता भी हो सकता है | निर्जलीकरण और पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती हैं , ऐसे में सल्लीमेंट लेना ज़रूरी हो जाता है | विटामिन की खुराक जैसे विटामिन सी, डी, ओमेगा 3 फैटी एसिड, ग्लूकोसामाइन जो कार्टिलेज को मजबूत बनाने में मदद करता है। लेकिन इसके लिए आपको doctor से consult करना ज़रूरी है की आपको कौन से सप्लीमेंट की ज़रूरत हैॉ। साथ ही खूब पानी पिएं , अच्छे से आराम करें। Dengue Chikungunya