ब्लड प्रेशर एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है। अगर सही समय पर इसका ध्यान नहीं दिया गया तो यह कई दूसरी गंभीर समस्याओं को भी जन्म दे सकती है। आमतौर पर ये ब्लड प्रेशर इस बात पर निर्भर करता है कि हार्ट कितनी गति से ब्लड को पंप कर रहा है और ब्लड को नसों में प्रवाहित होने में कितने अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है। यहां इस लेख में हम बात करेंगे हाई ब्लड प्रेशर के बारे में कि यह कैसे होता है, इसके लक्षण क्या होते हैं, इसका पता कैसे लगा सकते हैं और इसका रोकथाम उपाय क्या होता है। High BP
हाई ब्लड प्रेशर वह प्रेशर या दबाव होता है जहां शरीर के चारो ओर ब्लड को हृदय द्वारा पंप किया जाता है। यदि ब्लड प्रेशर हाई होता है तो धमनियों या हृदय पर तनाव उत्पन्न होता है और इसका दौरा भी पड़ सकता है यानी हार्ट अटैक भी आ सकता है। इसलिए आम जीवन में ब्लड को नॉरमल रखना बहुत जरूरी होता है। High BP
ब्लड प्रेशर में दो तरह के होते हैं:-
- सिस्टोलिक – Systolic Pressure.
- डायस्टोलिक – Diastolic Pressure.
किसी भी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर के रूप में जाना जाता है। एक ह्ल्दी व्यक्ति का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 90 और 120 एमएम के बीच होता है। नॉरमल डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 60 से 80 एमएम के बीच होता है। High BP
हाई ब्लड प्रेशर(हाइपरटेंशन) क्या होता है? –
इसे हम हाई ब्लड प्रेशर के नाम से जानते हैं। यह एक ऐसी स्थिति होती है जहां आपकी धमनी के खिलाफ रक्त का बल अधिक उंचा होता है। जिसमें यह हार्ट डिजीज जैसे हेल्थ प्रोबलेम का कारण बनता है। ब्लड प्रेशर आमतौर पर ब्लड के लेवल से तय किया जाता है जो आपके हार्ट को पंप करता है। यदि आपकी धमनियां टाइट है और आपका हार्ट अत्यधिक मात्रा में ब्लड को पंप करता है तो यहां दबाव ज्यादा हो जाता है। हाई ब्लड प्रेशर बिना किसी लक्षण के कई सालों तक धीरे-धीरे विकसित हो सकता है। यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक यानी दिल के दौरे जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है, जिसका समय होते इलाज नहीं किया गया तो यह मृत्यु का कारण भी बन सकती है। High BP
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हाइपरटेंशन कितने प्रकार के होते है?
यह दो प्रकार के होते हैं:-
प्राथमिक उच्च रक्तचाप – अध्ययन से पता चलता है की प्राथमिक उच्च रक्तचाप कई सालों में विकसित होता है।
माध्यमिक उच्च रक्तचाप – माध्यमिक उच्च रक्तचाप के कारणों में अवरोधक नींद के पैटर्न, थायरॉयड की समस्याएं, बिना पर्ची वाले पेन कीलर, अधिवृक्क ग्रंथि के ट्यूमर, रक्त वाहिकाओं में जन्मजात दोष, म्फ़ैटेमिन कोकीन और अत्यधिक शराब के उपयोग जैसी अवैध दवाएं हो सकती है। High BP
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण क्या हैं? Symptoms of Hypertension in Hindi
- घबराहट होना
- सांस लेने मे तकलीफ
- थकान या भ्रम की स्थिति
- गंभीर सरदर्द
- धुंधली दृष्टि
- छाती में दर्द
- मूत्र में रक्त
हाइपरटेंशन का पता कैसे लगा सकते हैं?
हाइपरटेंशन का निदान आमतौर पर एक रेग्यूलर बॉडी चेकअप के दौरान किया जाता है। यह सही होगा कि आप हाई ब्लड प्रेशर का विकास होने पर नॉरमल डॉक्टर से मिलें। जो लोग 18 से 39 और 40 वर्ष या उससे अधिक वर्ष के बीच हैं, उनमें हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा अधिक होता है। हाई ब्लड प्रेशर का निदान करने के लिए एक उपयुक्त आकार के हैंड कफ का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ मशीनें उपलब्ध हैं जो आपके ब्लड प्रेशर के स्तर का मुफ्त में विश्लेषण कर सकती हैं। High BP
उच्च रक्तचाप के विकास के लिए जोखिम कारक क्या है?
- मोटापा: मोटापे और अधिक वजन वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर बहुत आम है।
- आलस्य- शारीरिक रूप से कम मेहनत करने वाले लोगों में हृदय गति ज्यादा होती है। यह धमनियों में बहुत अधिक दबाव डालती है जिसके परिणामस्वरूप हाई ब्लड प्रेशर होता है।
- शराब: अत्यधिक शराब का सेवन भी ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है।
- तम्बाकू: चबाने या धूम्रपान से भी गंभीर हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।
- अपर्याप्त विटामिन: भोजन में विटामिन डी और पोटेशियम की बहुत कम मात्रा के कारण हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।
- पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार के एक या अधिक सदस्यों को हाई ब्लड प्रेशर है, तो संभावना है कि आप हाई ब्लड प्रेशर के बढ़ने के ज्यादा जोखिम में हैं। High BP
हाई ब्लड प्रेशर की रोकथाम और उपचार कैसे करें?
- स्वस्थ आहार का सेवन
- नमक और कैफीन कम करना
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करना
- आवश्यक्ता अनुसार वजन कम करना
- धूम्रपान नहीं करना
- यदि ज्यादा शराब पीते हैं तो उसे कम करना High BP
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