बच्चों का नींद में पेशाब करने की बीमारी का इलाज और घरेलू उपचार

बच्चों का नींद में पेशाब करने की बीमारी का इलाज और घरेलू उपचार
Bedwetting unsplash Jeevankosha
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आज एक ऐसी समस्या के बारे में जानेंगे जो बहुत कॉमन है लेकिन ये समस्या बहुत परेशान कर सकती है और कई बार आपके और आपके बच्चे के लिए परेशानी का कारण भी बन सकती है। यह समस्या है बच्चों का रात को बेड पर पेशाब कर देना। अब ये समस्या को लेकर चिंता करने की ज़रूरत है या नहीं, क्या ये कोई बड़ी बीमारी हो सकती है? बच्चे की इस आदत को कैसे छूडवाएं? इन सभी के बारे में चलिए विस्तार से जानते हैं।  bedwetting
छोटे बच्चे बिस्तर में सूसू करते ही हैं और ये बिलकुल नार्मल है, क्योंकि उनका यूरिनरी ट्रैक का अभी विकास हो ही रहा होता है, लेकिन समस्या तब होती है जब बच्चा 7 – 8 साल का होने के बाद भी उसी आवृती से सोते हुए बिस्तार में यूरिन पास करता है। इस समस्या को मेडिकल टर्म में नाक्टर्नल एन्यूरिसिस कहा जाता है।

बच्चे बिस्तर पर पेशाब क्यों करते हैं ?

डॉक्टर्स इसको बीमारी नहीं कहते, बल्कि डेवलपमेंटल डिले कहते हैं, यानी विकास में देरी होना। अब ये डिले सजगता का भी हो सकता है और यूरिनरी ट्रैक का भी हो सकता है। कैसे? चलिए आपको समझाते हैं ।
समान्य तौर पर क्या होता है, जब यूरिनरी ब्लैडर फुल हो जाता हैं तो ब्रेन को सिग्नल जाता हैं की अब यूरिन पास करना चाहिए और फिर ब्रेन बॉडी को सिग्नल देता है की अब आप उठ जाये और यूरिन पास करें लेकिन बच्चों के केस में सिग्नल तो जाता हैं लेकिन बच्चा उठता नहीं है, क्योंकि बच्चे के रेफ्लेक्सेस अच्छे से डेवेलप अभी नहीं हुए हैं। इस वजह से यूरिन वही बेड पर ही निकल जाता है। इसीलिए बच्चे अक्सर बेड में सुसु कर देते हैं। तो ये एक डेवलपमेंटल डिले है। 5 साल तक के बच्चों में ये बिलकुल समान्य बात है, तब तक आपको कोई इलाज करवाने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन जब बच्चा 5 – 7 साल से ऊपर हो गया है और फिर भी उसी आवृती से बेड पर यूरिन पास कर रहा है तो फिर हो सकता है की ये किसी और बीमारी की तरफ संकेत हो। ऐसे में आपको ध्यान देने की ज़रूरत होती है।

एंटीडाययूरेटिक हार्मोन (ADH)

हमारे ब्रेन में ADH यानि एंटीडाययूरेटिक हार्मोन (ADH) बनता है जो हमारी बॉडी में पानी की मात्रा को रेगुलेट करता है। रात के समय ये हॉर्मोन ज्यादा बनता है जिससे नींद यूरिन आने की वजह से बार – बार डिस्टर्ब ना हो। अपने ये ओब्सर्व भी किया होगा की रात की अपेक्षा हम दिन में ज्यादा यूरिन पास करते हैं। लेकिन कई बार रात के वक़्त इस हॉर्मोन के कम बनने की वजह से बेड में ही यूरिन निकल जाने की समस्या हो सकती है। अब ऐसा सिर्फ बच्चों ही नहीं बड़ों में भी हो सकता है। इसे नाक्टर्नल एन्यूरिसिस बोला जाता है। इसका पता ब्लड टेस्ट से लग सकता है। उस केस में डॉक्टर बच्चों को इसके सप्लीमेंट्स दे सकते हैं। तो अगर आपका बच्चा 5 साल से ऊपर है और उसकी बेड में यूरिन पास करने की आवृती बिलकुल कम नहीं हुई है तो आप ब्लड टेस्ट की मदद से बच्चे को कोई समस्या तो नहीं इस बात का पता लगा सकते हैं। bedwetting
बहुत ज़रूरी है की आप इस स्थिति में बच्चे को डांटे या डराए नहीं। इससे बच्चा और डर जायेगा और समस्या कम होने की जगह बढ़ जाएगी। कई बार बच्चे डर की वजह से भी बेड में सुसु कर देते हैं ।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)

कई बार UTI की वजह से भी बच्चे के लिए यूरिन कण्ट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। अगर बच्चा नॉर्मली बिस्तर गीला नहीं करता या ज्यादा गीला नहीं करता और अचानक से बिस्तर गिला करने लगे या अचानक से यूरिन की आवृती बढ़ जाये तो आपको इसे नज़रंदाज़ नहीं करना है और डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए क्यूंकि हो सकता है की बच्चे को संक्रमण हो गया हो। ऐसे में हो सकता है बच्चे को यूरिन में जलन हो और कई बार इन्फेक्शन की वजह से यूरिन सेंसेशन कम होने की दिकत हो जाये, जिससे बच्चे को यूरिन आने का पता ना चले और बिस्तार में ही यूरिन पास हो जाये तो ऐसे में डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA)

कभी-कभी बिस्तर गीला करना ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का संकेत भी हो सकता है, ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें नींद के दौरान बच्चे को सांस लेने में रुकावट होती है ऐसे में यूरिन निकल सकता है तो बच्चे के लक्षण पर पूरा ध्यान दें।
रात के समय बिस्तर गीला करना डायबिटीज का पहला साइन भी हो सकता है। अगर बच्चे को ज्यादा यूरिन के साथ – साथ, ज्यादा प्यास लगना, हमेशा थकान बनी रहना और अच्छी भूख के बावजूद वजन कम होने जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो इसे भी नज़रंदाज़ ना करें।
कई वजह भी हो सकती हैं जो बच्चे में बिस्तर गीला करने की समस्या को अचानक ट्रिगर कर सकती हैं जैसे अगर बच्चा किसी चीज़ से तनाव में है, परिवार में दुसरे बच्चे का आना, नया स्कूल शुरू करना, घर से दूर सोना, इत्यादि।

अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी (ADHD)

एडीएचडी वाले बच्चों में भी बिस्तर गीला करना ज्यादा कॉमन है। एडीएचडी यानि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमे बच्चे को ध्यान केंद्रित यानि फोकस करने में कठिनाई हो सकती है, बच्चा हाइपर एक्टिव होने की वजह से अकसर बेचैनी महसूस करता है और एक जगह स्थिर बैठने में बच्चे को मुश्किल होती है। बच्चा आवेग में रहता है ,बिना नतीजे के बारे में पहले सोचे, चीजें कह देना या कर देना। ऐसे में बच्चे के रेल्फेक्सेस भी हैंपर हो जाते हैं और अक्सर बिस्तर गीला करने की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श करना बेहद ज़रूरी हो जाता है ताकि बच्चे को राहत मिल सके। ऐसे में डांटना, मारना, चिढ़ाना या डराना इलाज नहीं है। bedwetting

बच्चे को बिस्तर गीला करने से रोकने के घरेलू उपाय

आप कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं, जो बच्चे को रहत दिलाएंगे। बच्चों द्वारा बिस्तर पर पेशाब करने की समस्या का समाधान निम्नलिखित है:-
  • बिस्तर गीला करने के पीछे वजह हो सकता बच्चे का यूरिनरी ब्लैडर (मूत्राशय) कमज़ोर होना हो, ऐसे में बच्चे को रोज़ 6 से 7 मुनक्का खाने को दें, इसके बीज निकालकर रात में भिगो दें और सुबह बच्चे को खाने को दे। इससे यूरिनरी ब्लैडर मजबूत होगा और बिस्तर गीला करने की समस्या में धीरे धीरे सुधार आएगी। मुनक्का वैसे भी बच्चे की ओवर आल ग्रोथ के लिए भी अच्छा होता है ।
  • आंवला खाने को दें, आंवला विटामिन सी से भरपूर रहता है जो इम्युनिटी स्ट्रोंग करता है। बच्चे को आंवले के पाउडर का काढ़ा बनाकर दें। गुनगुने पानी में आधा चम्मच आंवला पाउडर मिलाएं और बच्चे को दें। इससे भी राहत मिलती है।
  • अखरोट और किशमिश भी बच्चे की डाइट में शामिल करें, बिस्तर पर जाने से पहले 2 अखरोट और 5 किशमिश बच्चे कोखाने को दें। इससे  बार-बार बिस्‍तर गीला करने की आदत को कम करने में मदद मिलेगी ।
  • 2 छुआरे डालकर दूध को खूब उबालें और फिर ये छुआरे बच्चे को चबाकर खाने को दें और दूध थोडा ठंडा होने पर पिला दें। लेकिन ये सोने से कम से कम 2 घंटे पहले दें।
  • कई बार बच्चे के पेट में कीड़े होने की वजह से भी बिस्तर गीला करने की समस्या हो सकती है। इसके लिए बच्चे को D worms की सही डोज और टाइम से दिलवाएं। बच्चों के बिस्तर में पेशाब करने की दवा के बारे में भी आप डॉक्टर से सलार कर सकते हैं।  bedwetting
  • प्रिजर्वेटिव से भरे जूस से परहेज़ करें, साथी ही ज्यादा मीठा ना खिलाएं। साथ ही बच्चे के हाइजीन का भी ध्यान रखें जिससे UTI की समस्या ना हो।
  • बच्चे को गुड़ खिला सकते हैं, इससे उसका शरीर गर्म रहेगा और वह बिस्तर गीला करने से बचेगा। अक्सर बच्चे ठंडे या बारिश के मौसम में ठण्ड की वजह से भी बिस्तर गिला करते हैं। बहुत तेज़ AC में सुलाने से भी ये समस्या हो सकती है।
  •  बच्चे को क्रेनबेरी जूस पिलाएं। अगर उसे यूरिनरी ट्रैक्ट समस्या है, तो इस जूस से आराम मिलेगा ।
  • साथ ही इन बातों का ध्यान रखें —हो सकता है बच्चा डर की वजह से बेड पर सुसु कर देता हो। इसीलिए रात को बाथरूम की लाइट जलाकर सोएं। कई बार बच्चे रात को अँधेरे में बाथरूम जाने से डरते हैं और ऐसे में कण्ट्रोल ना कर पाने की वजह से बेड में ही यूरिन निकल जाता है। ऐसे में बाथरूम की लाइट जलाने के साथ कमरे म भी हलकी रोशिनी रखें। बच्चे को बोले की सुसु आने पर अगर डर लगे तो वो आपको उठा सकता है। कई बार बच्चे डर की वजह से पेरेंट्स को नहीं उठाते तो उन्हें विश्वास दिलाएं की वो आपको जगा सकते हैं।
  • रात में सोने के करीब 2 घंटे पहले बच्चे को डिनर करवा दें और सोते वक़्त कुछ भी लिक्विड या मीठा ना दें। अगर आपके बच्चे को बिस्तर गीला करने की समस्या है तो सोने से 2 घंटे पहले किसी भी तरह का लिक्विड जैसे दूध, चाय  वगेहरा ना दें। अगर बच्चे को प्यास लगे तो सिर्फ 2 – 3 घूंट पानी दे सकते हैं। पूरा गिलास भर के पानी ना पिलाएं।
  • सोने से पहले बच्चे को सुसु करने को ज़रूर बोलें। अपने बच्‍चे को सोने से पहले पेशाब करने की आदत डालें। अगर पेशाब किये बिना सो जाये तो उसे उठाकर पेशाब करवाएं।
  • अगर बच्चे को अक्सर कब्ज रहती है तो कब्ज़ का सही ट्रीटमेंट करवाएं। ज्यादा कब्ज़ रहने की वजह से भी बच्चा ये आदत नहीं छोड़ पाता है।

बेड वेत्टिंग अलार्म – आलार्म सेट करें, पहले नोटिस करें कि आपका बच्चा रात में किस समय के दौरान पेशाब करता है। फिर उस समय से कुछ देर पहले का अलार्म लगाएं और रात के समय बच्चे को जगाकर पेशाब करने के लिए कहें। ऐसा करने से धीरे धीरे बच्चे के रिफ्लेक्स परिपक्व होंगे और धीरे – धीरे बच्चा खुद ही उठकर वाशरूम जाने लगेगा।

इन सभी बातों का ध्यान रखने से बाद भी अगर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है तो डॉक्टर के पास ज़रूर लेकर जाएँ। डॉक्टर डायग्नोसिस के बाद बच्चे के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट या बिहेवियरल थेरेपी जो भी सही होगा वो सलाह करेंगे जिससे ये समस्या आराम से कण्ट्रोल हो जाएगी। बस आपको न खुद घबराना है और ना बच्चे को डराना या डांटना है। bedwetting

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