बच्चे बिस्तर पर पेशाब क्यों करते हैं ?
एंटीडाययूरेटिक हार्मोन (ADH)
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA)
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी (ADHD)
एडीएचडी वाले बच्चों में भी बिस्तर गीला करना ज्यादा कॉमन है। एडीएचडी यानि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमे बच्चे को ध्यान केंद्रित यानि फोकस करने में कठिनाई हो सकती है, बच्चा हाइपर एक्टिव होने की वजह से अकसर बेचैनी महसूस करता है और एक जगह स्थिर बैठने में बच्चे को मुश्किल होती है। बच्चा आवेग में रहता है ,बिना नतीजे के बारे में पहले सोचे, चीजें कह देना या कर देना। ऐसे में बच्चे के रेल्फेक्सेस भी हैंपर हो जाते हैं और अक्सर बिस्तर गीला करने की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श करना बेहद ज़रूरी हो जाता है ताकि बच्चे को राहत मिल सके। ऐसे में डांटना, मारना, चिढ़ाना या डराना इलाज नहीं है। bedwetting
बच्चे को बिस्तर गीला करने से रोकने के घरेलू उपाय
- बिस्तर गीला करने के पीछे वजह हो सकता बच्चे का यूरिनरी ब्लैडर (मूत्राशय) कमज़ोर होना हो, ऐसे में बच्चे को रोज़ 6 से 7 मुनक्का खाने को दें, इसके बीज निकालकर रात में भिगो दें और सुबह बच्चे को खाने को दे। इससे यूरिनरी ब्लैडर मजबूत होगा और बिस्तर गीला करने की समस्या में धीरे धीरे सुधार आएगी। मुनक्का वैसे भी बच्चे की ओवर आल ग्रोथ के लिए भी अच्छा होता है ।
- आंवला खाने को दें, आंवला विटामिन सी से भरपूर रहता है जो इम्युनिटी स्ट्रोंग करता है। बच्चे को आंवले के पाउडर का काढ़ा बनाकर दें। गुनगुने पानी में आधा चम्मच आंवला पाउडर मिलाएं और बच्चे को दें। इससे भी राहत मिलती है।
- अखरोट और किशमिश भी बच्चे की डाइट में शामिल करें, बिस्तर पर जाने से पहले 2 अखरोट और 5 किशमिश बच्चे कोखाने को दें। इससे बार-बार बिस्तर गीला करने की आदत को कम करने में मदद मिलेगी ।
- 2 छुआरे डालकर दूध को खूब उबालें और फिर ये छुआरे बच्चे को चबाकर खाने को दें और दूध थोडा ठंडा होने पर पिला दें। लेकिन ये सोने से कम से कम 2 घंटे पहले दें।
- कई बार बच्चे के पेट में कीड़े होने की वजह से भी बिस्तर गीला करने की समस्या हो सकती है। इसके लिए बच्चे को D worms की सही डोज और टाइम से दिलवाएं। बच्चों के बिस्तर में पेशाब करने की दवा के बारे में भी आप डॉक्टर से सलार कर सकते हैं। bedwetting
- प्रिजर्वेटिव से भरे जूस से परहेज़ करें, साथी ही ज्यादा मीठा ना खिलाएं। साथ ही बच्चे के हाइजीन का भी ध्यान रखें जिससे UTI की समस्या ना हो।
- बच्चे को गुड़ खिला सकते हैं, इससे उसका शरीर गर्म रहेगा और वह बिस्तर गीला करने से बचेगा। अक्सर बच्चे ठंडे या बारिश के मौसम में ठण्ड की वजह से भी बिस्तर गिला करते हैं। बहुत तेज़ AC में सुलाने से भी ये समस्या हो सकती है।
- बच्चे को क्रेनबेरी जूस पिलाएं। अगर उसे यूरिनरी ट्रैक्ट समस्या है, तो इस जूस से आराम मिलेगा ।
- साथ ही इन बातों का ध्यान रखें —हो सकता है बच्चा डर की वजह से बेड पर सुसु कर देता हो। इसीलिए रात को बाथरूम की लाइट जलाकर सोएं। कई बार बच्चे रात को अँधेरे में बाथरूम जाने से डरते हैं और ऐसे में कण्ट्रोल ना कर पाने की वजह से बेड में ही यूरिन निकल जाता है। ऐसे में बाथरूम की लाइट जलाने के साथ कमरे म भी हलकी रोशिनी रखें। बच्चे को बोले की सुसु आने पर अगर डर लगे तो वो आपको उठा सकता है। कई बार बच्चे डर की वजह से पेरेंट्स को नहीं उठाते तो उन्हें विश्वास दिलाएं की वो आपको जगा सकते हैं।
- रात में सोने के करीब 2 घंटे पहले बच्चे को डिनर करवा दें और सोते वक़्त कुछ भी लिक्विड या मीठा ना दें। अगर आपके बच्चे को बिस्तर गीला करने की समस्या है तो सोने से 2 घंटे पहले किसी भी तरह का लिक्विड जैसे दूध, चाय वगेहरा ना दें। अगर बच्चे को प्यास लगे तो सिर्फ 2 – 3 घूंट पानी दे सकते हैं। पूरा गिलास भर के पानी ना पिलाएं।
- सोने से पहले बच्चे को सुसु करने को ज़रूर बोलें। अपने बच्चे को सोने से पहले पेशाब करने की आदत डालें। अगर पेशाब किये बिना सो जाये तो उसे उठाकर पेशाब करवाएं।
- अगर बच्चे को अक्सर कब्ज रहती है तो कब्ज़ का सही ट्रीटमेंट करवाएं। ज्यादा कब्ज़ रहने की वजह से भी बच्चा ये आदत नहीं छोड़ पाता है।
बेड वेत्टिंग अलार्म – आलार्म सेट करें, पहले नोटिस करें कि आपका बच्चा रात में किस समय के दौरान पेशाब करता है। फिर उस समय से कुछ देर पहले का अलार्म लगाएं और रात के समय बच्चे को जगाकर पेशाब करने के लिए कहें। ऐसा करने से धीरे धीरे बच्चे के रिफ्लेक्स परिपक्व होंगे और धीरे – धीरे बच्चा खुद ही उठकर वाशरूम जाने लगेगा।