PCOS : महिलाओं की फर्टिलिटी पर पड़ता है असर, जानें इसके लक्षण, इलाज और डाइट

PCOS : महिलाओं की फर्टिलिटी पर पड़ता है असर, जानें इसके लक्षण, इलाज और डाइट
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यह महिलाओं के ओवरी से संबंधित एक गंभीर बीमारी है, और इस समय पूरी दुनिया में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। जैसा की आप सभी जानते हैं की PCOS यानि  Polycystic Ovary Syndrome एक बहुत ही कॉमन डिजीज है, इतना कॉमन की हर 5  में से 1 महिला को यह डिजीज होती हीं है। इस आर्टिकल में हम इस टॉपिक पर बात करने जा रहे हैं, मतलब PCOS क्या है, इसके लक्षण क्या है, यह क्यों होता है, इसे कैसे ठिक किया जा सकता है और इसके डाइट प्लान क्या हो सकते हैं । PCOS

यदि आपको यह लगता होगा की कुछ मेडिसिन या पिल्स लेकर , आप PCOS से छुटकारा पा सकते हैं तो ऐसा बिलकुल नहीं है।  क्या आपको पता है की PCOS की वजह से इर्रेगुलर पीरियड से लेकर प्रेग्नेंसी फेल होने तक की लगभग समस्याएँ होती है। मां बनने की चाहत रखने वाली कई महिलाओं में PCOS के कारण प्रेग्नेंसी फेल हो सकती हैं। क्या आप जानते हैं, ऐसा क्यों होता हैं? इसके लक्षण क्या होते हैं? इसे ठीक करने के लिए आपको कैसी डाइट लेनी चाहिए ? इन सभी चीज़ो के बारे में जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पूरी अंत तक पढ़ें। PCOS

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PCOS होता क्या हैं?

वैसे तो साल के सिप्टेम्बर महीने में PCOS जागरूकता के रूप में मनाया जाता है, PCOS एक तरह कि गंभीर हार्मोनल समस्या हैं। जब महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन नामक हार्मोन का श्राव सामान्य से ज्यादा होने लगता हैं तो PCOS कि समस्या होने लगती हैं।  महिलाओं में अक्सर विटामिन डी कि कमी देखी जाती हैं , इस वजह से भी PCOS कि समस्या हो सकती हैं। यह बीमारी रिप्रोडक्टिव ऐज वाली मतलब जो 15 से 45 साल के बीच कि महिलाएं होती हैं, उन्हें PCOS होने का खतरा होता हैं। 

PCOS के लक्षण और संकेत क्या होते है? 

वैसे तो PCOS के लक्षण हर महिलाओं में अलग अलग हो सकते हैं, फिर भी आम लक्षण निम्नलिखित है:-

  • इर्रेगुलर पीरियड्स – यानि अनियमित पीरियड आना।
  • पेनफुल पीरियड्स –  लम्बे समय तक दर्द के साथ पीरियड्स का होना, यह सबसे आम संकेत हैं।
  • शरीर में इंसुलिन का ना बनना ।
  • अनुवाशिंक या जेनेटिक्स भी यह हो सकते हैं।
  • महिलाओं को चेहरे और पेट के निचले हिस्से में बाल निकलना।
  • गर्दन और अंडरआर्म्स के पास मास बढ़ाना, आदि।
  • वजन बढ़ना
  • अधिक रक्तस्राव
  • व्यवहार में बदलाव

PCOS कि वजह से होने वाली मेन प्रॉब्लम इनफर्टिलिटी होती है।  यानि कि इससे गर्भधारण करने में बहुत मुश्किल होता है। PCOS

PCOS  के डाइट प्लान क्या होते हैं?

इसके  के डाइट प्लान से हम इसका इलाज घर पर कैसे कर सकते हैं।

अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर के इसे घर पर भी कण्ट्रोल किया जा सकता हैं। हम डाइट में ऐसी चीज़ो को रखे जो शरीर के हार्मोनल इम्बैलेंस को बैलेंस कर सके। डेली एक्सरसाइज करें , अपना वजन कम करें , खाने में लो कार्बोहइड्रेट डाइट को शामिल करें। वेट लॉस करने से शुगर और हार्ट डिजीज का खतरा भी कम होता हैं  

  • फाइबर से भरपूर चीजें खाए – जो इंसुलिन को कण्ट्रोल करने में मदद करे , जिसमे फाइबर ज्यादा होता हैं।  जैसे – फल और सब्जियां, साबुत अनाज और दाल आदि।  
  • आप अपने डाइट में खट्टे फल जैसे –  ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, सेब, पपीता, संतरा और नींबू आदि रखें। 
  • फल में- तरबूज, अनार इत्यादि।
  • वेजटेबल्स में –  टमाटर, ब्रोकली, फूलगोभी, पालक, कद्दू, शिमला मिर्च और बीन्स आदि का सेवन करें।  
  • अनाज में– बार्ली, कीन्वा, ओट्स, ब्राउन राइस, दलिया, बाजरा, रागी, ज्वार आदि और 
  • दाल में –  राजमा, छोला, सोया बीन्स, लोबिया, उड़द दाल, मसूर दाल, अरहर दाल आदि को शामिल करें।  
  • अंत में, आपको बता दें कि PCOS कि मेडिकल ट्रीटमेंट भी कराई जा सकती हैं । इसमें डॉक्टर आपके हार्मोन को बैलेंस करने के लिए मेडिसिन देते हैं। जिसके कारन आपके पीरियड भी रेगुलर हो जाते हैं, और इनफर्टिलिटी या गर्भधारण कि समस्या को दूर करने के लिए सर्जरी भी कि जाती हैं। 

कुछ महिलायें PCOS और PCOD दोनों के नाम को लेकर असमंजस में आ जाती हैं जबकि ऐसा कुछ खास नहीं है। हेल्थ से जुड़ी किसी भी परेशानी का जब एक साथ कई लक्षण दिखने लगते हैं तो उसे सिंड्रोम कहा जाता है। इसलिए PCOS और PCOD इन दोनों बीमारियों में कोई खास अंतर नहीं है बल्कि सिर्फ नाम का हेर फेर है।  PCOS

इस आर्टिकल में दी गयी सारी जानकारी आपको जागरूक करने के लिए हैं , किसी भी नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।


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