सभी उम्र और शारीरिक स्वास्थ्य के स्तर के लोगों के द्वारा सुखासन को करना बहुत आसान होता है। सुखासन शब्द संस्कृत शब्द “सुखम” से लिया गया है जो “प्रसन्न” या “आनंद” का प्रतीक है और “आसन” का अर्थ है: मुद्रा यानि बैठना। सुखासन – कमल मुद्रा में बैठकर ध्यान के लिए उपयोग की जाने वाली एक मूलभूत मुद्रा है। इसे ईज़ी पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। इसके ईज़ी पोज़ के नाम से भ्रम हो सकता है, क्योंकि इस मुद्रा में अधिक समय तक बैठने के लिए कूल्हे के लचीलेपन और पीठ की ताकत की आवश्यकता होती है। Sukhasana Yogasana
सभी आसनों को तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है – मूल(बेसिक), मध्यवर्ती(इंटरमीडिएट) और उन्नत(एडवांस्ड) आसन। शुरुआत में आप किसी भी आसन के एडवांस्ड रूप का प्रयास करने में सक्षम नहीं हैं। तो यह मौलिक आसन शुरुआती लोगों के लिए अपना योग सत्र शुरू करने के लिए सबसे अच्छा है। यह ध्यान और आराम देने वाली मुद्रा है। सुखासन करना आसान है। Sukhasana Yogasana
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टाइट कूल्हों और/या कुर्सियों पर बैठने वालों के लिए, इस आसन(मुद्रा) के लिए अतिरिक्त अभ्यास और वार्म अप की आवश्यकता हो सकती है।
सुखासन को कैसे करें
आसन करने के स्टेप्स:
- सामान्य रूप से फर्श पर बैठ जाएं। जिनके कूल्हे टाइट हैं, उन लोगों को दृढ़ और सपाट आधार पर फर्श पर ब्लॉक, बोल्स्टर, या मुड़े हुए तौलिया या ब्लैंकेट के ऊपर बैठना चाहिए। अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं।
- अब अपने पैरों को क्रॉस करें और अपने घुटनों को चौड़ा करें, ताकि आप अपने दोनों पैरों को विपरीत घुटने के नीचे रखकर बैठ सकें। इसके बाद आपको अपने पैरों को मोड़ने के साथ-साथ अपने घुटनों को भी मोड़ना है। Sukhasana Yogasana
- अपने पेल्विस के साथ तटस्थ स्थिति में बैठें।
- अब एक साँस लेते हुए, अपने कंधों को अपने कानों तक ले जाएँ और साँस छोड़ते हुए, अपने कंधों को नीचे ले जाएँ। यह आपकी रीढ़ को सीधा करता है और मुद्रा में सुधार करता है।
- अपने सिर को अपने पेल्विस के ऊपर लाएं, जिससे आपके शरीर के ऊपर और नीचे की ऊर्जा की एक लंबी लाइन बन जाए। ऐसा सोचें कि एक स्ट्रिंग(तार) से आपके सिर के ऊपरी भाग को छत की ओर खींचा जा रहा है।
- अपनी गर्दन को लंबा करें। फिर अपनी चिन(ठुड्डी) को फर्श के समानांतर लाएं और धीरे से सामने की ओर देखें।
- अपने माथे, स्कैल्प और जीभ सहित अपने चेहरे की सभी मांसपेशियों को रिलीज़ यानी कि मुक्त करें। अपने शरीर के बाकी हिस्सों को सक्रिय रखते हुए अपने चेहरे को पूरी तरह से आराम दें। Sukhasana Yogasana
- अपने हाथों को अपने घुटनों के ऊपर रखें। मुद्रा की स्थिति लेने के साथ-साथ, विकल्प के रूप में हथेलियाँ नीचे की ओर या आकाश की ओर हो सकती हैं।
- अपनी आँखें बंद करें और पूरे शरीर को आराम दें, धीमी और गहरी साँसें लें।
- महसूस करें कि हर सांस शरीर के अंदर और बाहर जाती है।
- यदि आप असहज महसूस करते हैं तो एक मिनट या उससे कम समय के लिए अभ्यास करें।
- पैरों की स्थिति को आपस में बदलकर दो बार अभ्यास करें।
रीढ़ कि हड्डी को सीधा रखना शुरुआत में कठिन प्रतीत हो सकता है क्योंकि हम में से अधिकांश को अपनी रीढ़ को सहारा देकर बैठने की आदत होती है जैसे कि कार्यालय में, टीवी देखते समय, पढ़ते समय, गाड़ी चलाते समय, आदि)। नियमित अभ्यास करने से हम बिना किसी सहारे के सीधे बैठ सकते हैं। यह हमारी पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और किसी भी तरह के पीठ दर्द या आने वाली पीठ की बीमारी से बचाता है। Sukhasana Yogasana
सुखासन (आसान मुद्रा) के बारे में आपको जो बातें पता होनी चाहिए:
- सुखासन भले ही सबसे आसान ध्यान करने वाली मुद्राओं में से एक है, लेकिन इसे लंबे समय तक बनाए रखना मुश्किल है।
- लंबी अवधि के लिए अधिक जटिल ध्यान योग मुद्रा (जैसे पद्मासन या सिद्धासन) का अभ्यास करने के बाद, शरीर को आराम देने के लिए सुखासन का अभ्यास किया जा सकता है।
- पद्मासन (लोटस पोज़) जैसी जो कठिन ध्यान लगाने वाली मुद्राएं होती है वो लंबी अवधि के लिए आसान होती हैं क्योंकि घुटनों को जमीन पर रखा जाता है।
- यह आसन मुश्किल इसीलिए है क्योंकि इस आसन में पूरे शरीर के वजन को नितंबों द्वारा सहारा दिया जाता है जो शरीर को सहारा देने के लिए बहुत कम जगह देते हैं। Sukhasana Yogasana
इस आसन को करने के क्या फायदे हैं?
इस आसन को करने से निम्नलिखित फायदे होते हैं:
- यह आपके कूल्हों को खोलता है।
- यह आपकी पीठ को मजबूत करता है।
- यह आपकी टखनों और घुटनों को फैलाता है।
- यह थकान को कम करने में मदद करता है।
- मुद्रा में सुधार करता है।
- एकाग्रता और फोकस में सुधार करता है।
- विश्राम को बढ़ावा देता है।
- यह आपकी रीढ़ की हड्डी को फैलाता है और लंबा करता है।
- चिंता, तनाव और मानसिक थकान को दूर करता है।
- आपके कॉलरबोन और छाती को चौड़ा करता है।
- यह आपके दिमाग को शांत करता है। Sukhasana Yogasana
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इस आसन को करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
यदि घुटने और कूल्हे की चोट है तो इसे करने से बचना चाहिए।
संशोधन और बदलाव
संशोधित करने के लिए: यदि आपके घुटनों में समस्या है, तो ब्लॉक या बोल्स्टर के ऊपर बैठें। यदि आप एक बिगिनर हैं और लंबी अवधि के लिए ध्यान कर रहे हैं, तो सपोर्ट के लिए दीवार के साथ अपनी पीठ लगाकर बैठें। यदि खड़े होना संभव न हो तो कुर्सी पर बैठकर ध्यान करें। Sukhasana Yogasana
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