Belly Fat: बिना जिम जाए, इन तीन योगासनों से कम करें अपना बेली फ़ैट – 3 Yoga Poses To Reduce Belly Fat In Hindi

Belly Fat: बिना जिम जाए, इन तीन योगासनों से कम करें अपना बेली फ़ैट – 3 Yoga Poses To Reduce Belly Fat In Hindi
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बैली फैट(पेट की चर्बी) क्या होता है? – What is belly fat In Hindi

आपके पेट के आसपास जो चर्बी(फैट) होती है उसे बैली फैट कहा जाता है। बैली फैट दो तरह का होता है- एक जो त्वचा के नीचे होता है और दूसरा जो आपके अंगों जैसे कि लीवर, फेफड़े और हृदय के आसपास होता है। 

कुछ सबसे सामान्य कारण जिनकी वजह से बैली फैट होता है वो हैं: कैलोरी को खर्च किए बिना उच्च कैलोरी आहार, हार्मोनल असंतुलन, अपर्याप्त नींद और आपका पारिवारिक इतिहास। Belly Fat

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बैली फैट को कम करने के लिए सबसे प्रभावी व्यायामों में से एक है: योग। योग, कैलोरी की कमी पैदा करके और इसे फिर दोबारा से संचय होने से रोककर, बैली फैट को कम करता है। वे योग आसन जो बैली फैट को कम करते हैं, वो विशेष रूप से पेट की मांसपेशियों को बनाने और पेट के चारों ओर पतला होने में आपकी मदद करते हैं।

कुछ ऐसे योग आसन हैं जो बैली फैट को कम करते हैं। वे मुख्यतः पेट की आसपास की जगह को लक्षित करते हैं, वहां की कैलोरी को बर्न करते हैं, आपकी मांसपेशियों को और अधिक लचीला बनाते हैं, और आपके मेटाबोलिज्म में सुधार करते हैं। बैली फैट होने के कुछ कारण हैं: उम्र, जेनेटिक्स, खान-पान की खराब आदतों, नियमित रूप से व्यायाम न करना, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और तनाव।

पेट की ताकत में कमी और संरचना में कमी से भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है, बैठने की मुद्रा ख़राब हो सकती है और शिथिलता भी हो सकती है। योग करने के साथ-साथ, संतुलित आहार लेने से आप बैली फैट को कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको आपने आहार पर ध्यान देना है और नियमित रूप से योग का पालन करना है। Belly Fat

चलिए जानते हैं, 3 ऐसे ही योग आसन के बारे में जो बैली फैट को कम करने में हमारी मदद कर सकते हैं:

1. कोबरा आसन (भुजंग आसन) – Benefits Of Cobra posture (Bhujang Asana) in hindi

इस योगासन को करके आप अपने पेट को अच्छी स्ट्रेचिंग दे सकते हैं। यह आसन बैली फैट को कम करने के लिए पेट की मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली बनती है और साथ ही शरीर का ऊपरी भाग भी मजबूत बनता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और इसलिए, यह डिलीवरी के बाद(प्रसवोत्तर) होने वाले पीठ दर्द को कम करने के लिए सबसे अधिक उपयोगी आसन है।

आसन को करने का तरीका:

  • इस आसन को करने के लिए सही स्थिति में चटाई पर लेट जाएं (अपने चेस्ट को नीचे की ओर रखते हुए), पैर थोड़ा बाहर की ओर फैलाएं, और पैर की उंगलियां से फर्श को छुयें।
  • अपने दोनों हाथों को शरीर के दोनों ओर, हथेलियां की तरफ से फर्श पर रखें।
  • अपनी हथेलियों को अपने कंधों के नीचे लाएं।
  • गहरी सांस लेते हुए, धीरे-धीरे अपनी छाती और सिर को फर्श से ऊपर उठाएं, और छत की तरफ देखें। अपने नितंबों(बटक्स) को दृढ़ रखें, और अपने प्यूबिस को अपनी नाभि की ओर तानें।
  • सामान्य रूप से सांस लेते हुए 15 से 30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।
  • गहरी सांस लें और जितना हो सके पीछे की ओर झुकते हुए अपने शरीर को कमर से ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें। ध्यान रखें कि इस प्रक्रिया से आपकी पीठ में चोट नहीं पहुंचे । Belly Fat
  • सामान्य रूप से सांस लेते हुए 30 से 60 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें।
  • सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपने शरीर को नीचे लाएं। 
  • शुरू करने के लिए इस आसन को 10 बार दोहराएं, धीरे-धीरे 30 बार तक करें।
  • आसन करने के बीच में 15 सेकण्ड्स के लिए आराम करें और फिर दोबारा से शुरू करें।  

फ़ायदे:

  • कंधों और पीठ को मजबूत बनाता है
  • पेट को टोन करता है
  • तनाव और थकान को कम करता है
  • पीठ के मध्य और ऊपरी भाग के लचीलेपन में सुधार करता है

सावधानी:

इसके अतिरिक्त, गर्भवती महिलाओं और पीठ की चोट और कार्पल टनल सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।

2. उत्तानपादासन (पैरों को ऊपर की तफ उठाकर रखने की मुद्रा) – Benefits Of Uttanapadasana Yoga In Hindi

इस आसन कूल्हे और जांघ की जगहों पर काम करता है। साथ ही साथ रेक्टस एब्डोमिनस और संबंधित एब्डोमिनल पर स्विच करने में भी मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान आपकी कमर और कूल्हों के आसपास जो फैट जमा हो जाता है उसे कम करने के लिए ये आसन सबसे कुशल और प्रभावी तरीकों में से एक है। Belly Fat

आसन को करने का तरीका:

  • चटाई बिछाकर फर्श पर अपनी पीठ के बल लेट जायें, पैरों को फैलायें, और एक एड़ी दूसरी एड़ी को छूती रहें। अपने हाथों को अपने शरीर के दोनों ओर रखें, हथेलियाँ ज़मीन की ओर रहनी चाहिए।
  • सांस लेते हुए पांवों को मोड़े बगैर धीरे-धीरे 30 डिग्री पर उठाएं।
  • धीरे धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े और इसी मुद्रा में रहें।
  • लम्बा सांस छोड़ते हुए दोनों पांव नीचे लाएं।
  • यह पूरा एक चक्र हुआ।
  • इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।
  • शुरू करने के लिए इस आसन को 10 बार दोहराएं, धीरे-धीरे 30 बार तक काम करें।
  • प्रत्येक पुनरावृत्ति के बाद 15 सेकंड के लिए आराम करें।

फ़ायदे:

  • पेट की चर्बी कम करता है। 
  • दर्द से छुटकारा दिलाता है। 
  • तनाव को करे दूर करता है। 
  • शरीर को मजबूत बनाएं में बहुत फायदेमद है। 
  • पेट में गैस कम करने में फायदेमद है।

सावधानी:

  • पेट सर्जरी: पेट की सर्जरी होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • कमर दर्द: जिनके कमर में दर्द हो उन्हें यह आसन नहीं करनी चाहिए।
  • गर्भावस्था: गर्भावस्था में इस आसन को बिल्कुल न करें।
  • साइटिका: साइटिका से पीड़ित होने पर इस आसन का अभ्यास न करें। Belly Fat

3. नौकासन (नाव मुद्रा) – Benefits Of Naukasana (Boat Pose) In Hindi

नौकासन, सबसे ज्यादा प्रभावशाली योग मुद्राओं में से एक है जो नियमित अभ्यास करने पर आपको एक बैली फैट से गारंटी राहत देगा। एक मिनट से अधिक समय तक इस मुद्रा को धारण करने से पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ने में मदद मिलती है। यदि इस आसन को नाव की तरह ही उसी गति में किया जाता है, तो यह आपके एब्स को टोन करने में मदद करता है। Belly Fat

आसन को करने का तरीका:

  • सबसे पहले एक स्वच्छ जगह पर चटाई बिछाएं। अब पीठ के बल पर लेट जाएं और दोनों पैरों को एक साथ जोड़ ले और हाथों को शरीर से सटाकर रखें।
  • एक गहरी लंबी सांस लें और अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सिर, पैर, छाती और हाथों को ऊपर उठाएं। ये ध्यान रखें कि आपके हाथ, आपकी जांघ के ठीक ऊपर रहने चाहिए। पैरों को सीधा रखें और घुटने से उन्हें मोड़ें नहीं। Belly Fat
  • शुरुआत में सिर और पैर को आप 20 से 30 डिग्री के एंगल तक ऊपर उठाएं। बाद में इस आसन का अभ्यास करते हुए 45 डिग्री कोण तक भी ऊपर उठा सकते हैं। अपने पेट में हो रहे खिंचाव को महसूस करें। शरीर का पूरा वजन नितंब के ऊपर रखें।
  • अपनी सामर्थ्य के अनुसार इस स्थिति में 30 से 40 सेकंड रहे और धीरे-धीरे सांस लेते रहें और छोड़ते रहे। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए फिर से पहली अवस्था में लेट जाएं।
  • यह एक चक्र हुआ। आप शुरुआत में 2 से 5 चक्र तक कर सकते हैं और फिर अभ्यास होने पर अपने क्षमता अनुसार करें।

फ़ायदे:

  • पाचन क्रिया में फायदेमंद होता है।
  • हर्निया रोग में लाभ होता है।
  • पेट की मांसपेशियों मजबूत होती हैं।
  • आंतो को साफ़ करता है।
  •  पेट की चर्बी को कम करता है।
  • ब्लड सर्कुलेशन में वृद्धि होती है।
  • कब्ज व् एसिडिटी में फायदेमंद।

सावधानी:

  • स्लिप डिस्क की शिकायत वाले लोगों को यह योग नहीं करना चाहिए |
  • नौकासन योग खाली पेट करना चाहिए |
  • कमर में दर्द हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • पेट संबंधी गंभीर रोग हो तो भी यह आसन न करें।

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