आज हम एक ऐसी जड़ी-बूटी या यूँ कहे की मसाले पर बात करने वाले हैं जो छोटी ज़रूर है, लेकिन उसके फायदे बड़े ही पावरफुल हैं… उसका नाम है काली जीरी, जिसको इंग्लिश में Bitter Cumin कहा जाता है और इसका Scientific Name Centratherum Anthelminticum ( सेंट्रैथरम ऐनथेलमिन्टिकम ) है।
एक छोटा सा बीज… हल्की सी कड़वाहट लिए… दिखने में साधारण, पर इसके भीतर छुपा है आयुर्वेद का अद्भुत खज़ाना। काली जीरी को कृष्णजीरा भी बोलते हैं, और आयुर्वेद में इसे ‘काश्मीर जीरक’ के नाम से जाना जाता है, शायद ये नाम इस वजह से आया है की इसको कश्मीर, उत्तराखंड जैसी जगहों पर ज्यादा उगाया जाता है |
रसोई में इसका बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है… लेकिन औषधीय गुणों में इसका काफी महत्व है | जो जीरा हम अपने घरों में रसोई में देखते हैं वो सफ़ेद जीरा कहलाता है और वो ज़्यादातर खाने में कम इस्तेमाल होता है , क्यूंकि वो काली जीरी से थोडा कम तीखापन लिए होता है और खाने को अच्छा फ्लेवर देता है। Kali Jeeri
काली जीरी को लोग अक्सर नॉर्मल जीरा या कलौंजी के साथ कन्फ्यूज़ कर लेते हैं, लेकिन ये दोनों से अलग होती है।
हमारे घरों में जो जीरा मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, ये काली जीरी उससे बिल्कुल अलग है। काली जीरी कोई मसाला नहीं है, ये एक जड़ी-बूटी है जो मेनली आयुर्वेद में यूज़ होती है और कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स में काम आती है।
ये नार्मल जीरा से लम्बी और पतली दिखती है और रंग कला होता है
काली जीरी का स्वाद तीखा होता है और इसकी तासीर भी गर्म होती है।
ये कफ और वात को संतुलित करता है, लेकिन पित्त को थोड़ा बढ़ा सकता है – इसलिए ध्यान से, अपने शरीर की ज़रूरत के हिसाब से और सही समय पर इसका सेवन करना ज़रूरी है।”
जिन लोगों को भूख नहीं लगती… खाना देखकर मन हट जाता है…काली जीरी उनके लिए अमृत समान है।
ये आपकी भूख खोलता है और पेट की पुरानी से पुरानी गड़बड़ी को भी सुधार देता है।”
“अगर अपच, डकारें, गैस या बार-बार टॉयलेट जाने की दिक्कत हो…या पतले दस्त की परेशानी हो – तो काली जीरी का चूर्ण रामबाण इलाज है।”
काली जीरी के अंदर कुछ नैचुरल बिटर कंपाउंड्स होते हैं, जो हमारे डाइजेस्टिव एन्जाइम्स को एक्टिवेट करते हैं।
मतलब, इसमें एंटी-फ्लैटुलेंट प्रॉपर्टीज होती हैं जो बार-बार बनने वाली गैस और ब्लोटिंग को रोकती है।
इससे खाना अच्छी तरह से पचता है और न्यूट्रिएंट्स भी प्रॉपरली अब्ज़ॉर्ब होते हैं।
काली जीरी में लैक्सेटिव इफेक्ट भी होता है जो कब्ज जैसी प्रॉब्लम में राहत दे सकता है।
कई बार ऐसा होता है – उल्टी जैसा लगता है… पर होती नहीं…ऐसे में बस काली जीरी को हल्का सा भूनिए, उसकी फांकी लीजिए या उसका पानी पीजिए…या फिर इसे छाछ में मिलाकर पीजिए – तुरंत राहत मिलेगी।
बलगम जमा हो गया है… छाती भारी हो रही है… तो काली जीरी आपकी सफाई करेगी – अंदर से। अगर आपको लम्बे समय से बुखार है… और खासकर कफ की वजह से है –
तो काली जीरी का सेवन आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।”
अगर आप नई माँ हैं और बेबी के लिए दूध कम आ रहा है तो मां को काली जीरी देना एक पुराना घरेलू उपाय है –यह दूध की मात्रा भी बढ़ाता है और मां के शरीर को ताकत भी देता है। यहाँ तक की डिलीवरी के बाद गर्भाशय की सफाई करनी हो, या अगर पीरियड्स ठीक से नहीं आ रहे, अनियमित हैं –तो काली जीरी वहां भी काम आती है।” Kali Jeeri
क्या आप जानते हैं…कि शरीर में जब कफ बढ़ता है, तो उसका असर आंखों पर भी होता है?
आंखों की रौशनी कम होने लगती है। काली जीरी कफ दोष को दूर करके आपकी आंखों को स्वस्थ बनाए रखती है।”
ध्यान रखें – इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए इसे गैप लेकर इस्तेमाल करें | कुछ दिन लेने के बाद कुछ दिनों का गैप लें उसके बाद फिर से शुरू करें | अगर इसको लेने के बाद आपको अन्दर से गर्मी बहुत लगने लगे तो इसका इस्तेमाल रोक दें और थोड़े दिन बाद फिर से शुरु करें |
इसको लेने के समय की बात करें तो अगर आपको भूख नहीं लगती – तो इसे खाने से पहले लें।
वहीँ अगर आपको गैस, अपच, दस्त की शिकायत है – तो इसे खाने के बाद लें।
आप इसका चूर्ण पानी के साथ ले सकते हैं, छाछ में मिलाकर भी पी सकते हैं,
या भूनकर इसकी फांकी ले सकते हैं।
काली जीरी में Anti Inflammatory properties भी होती है इसी वजह से ये शारीर में सुजन को कम कर सकता है |
अब कुछ घरेलू नुस्खों की बात करते हैं जिसमे आप काली जीरी को अलग अलग चीज़ों के साथ मिलकर इसका सेवन अलग अलग समस्याओं में रहत पाने के लिए कर सकते हैं, चलिए जानते हैं कैसे –
Digestion की दिक्कत है तो आप काली जीरी का पाउडर बना लें। अब 1/4 चम्मच वो पाउडर लें। साथ में 1/2 चम्मच सौंफ और मिश्री मिक्स करके आप गुनगुने पानी के साथ खाएं।
आप सुबह ब्रेकफास्ट के आधे घंटे बाद इसे लें। फिर धीरे-धीरे आप यह पाउडर दिन में 2 बार भी ले सकते हैं। Kali Jeeri
वही अगर आप वेट लॉस की जर्नी पर हैं, तो काली जीरी आपका सीक्रेट पार्टनर बन सकती है।
ये मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है और फैट बर्न होने में मदद करती है। इसके लिए आप काली जीरी, अजवाइन और मेथी को मिक्स करके पाउडर बनाकर ले सकते हैं।
असल में मेथी और अजवाइन वज़न घटाने के लिए बहुत अच्छे होते हैं, और जब ये काली जीरी के साथ मिलते हैं तो फायदे चार गुना बढ़ जाते हैं।
काली जीरी, अजवाइन और मेथी दाना का सेवन चूर्ण के रूप में किया जा सकता है।
इसका चूर्ण आप घर पर ही बना सकते हैं। इसके लिए — 3 टेबलस्पून मेथी दाना, 2 टेबलस्पून अजवाइन, 1 टेबलस्पून काली जीरी
इन सभी को अच्छी तरह से अलग-अलग भून लें और फिर मिक्स करें।
अब इन्हें ग्राइंड करके चूर्ण तैयार करें।
यह पाउडर 1 चम्मच सुबह खाली पेट लेने से मेटाबॉलिज्म एक्टिव होता है और पेट भी साफ रहता है। Kali Jeeri
अगर आपका ब्लड शुगर हाई रहता है, तो काली जीरी आपकी मदद कर सकती है।
यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को इम्प्रूव करती है और शुगर लेवल को नैचुरली बैलेंस में रखती है।
डायबिटीज के लिए भी आप अजवाइन, मेथी और काली जीरी का पाउडर ले सकते हैं।
सुबह खाली पेट 1 चम्मच की फाँकी मारनी है गुनगुने पानी के साथ… आपको डायबिटीज में बहुत फ़ायदा मिलेगा।
आजकल के समय में इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होना सबसे ज़रूरी है। काली जीरी एंटीऑक्सिडेंट-रिच होती है, और इसके रेगुलर यूज़ से आपका इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है।
सीज़नल फ्लू, सर्दी-ज़ुकाम से बचने के लिए भी यह काफ़ी इफेक्टिव है। आप काली जीरी का डिटॉक्स वॉटर पीकर अपनी इम्यूनिटी बूस्ट कर सकते हैं।
इसके लिए आप 1 चम्मच काली जीरी रात में भिगो दें करीब 250 मि.ली. पानी में , सुबह इस पानी को छान लें | पानी में थोड़ा शहद और नींबू का रस डालें और खाली पेट पी लें।
यह डिटॉक्स ड्रिंक आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करेगा।
काली जीरी का एक और छुपा हुआ फायदा है – हेल्दी स्किन। यह ब्लड प्यूरिफाई करती है, जिससे पिंपल्स, एक्ने और डार्क स्पॉट्स कम होते हैं। आप इसे हल्दी के साथ मिक्स करके ले सकते हैं या फिर डिटॉक्स ड्रिंक के फॉर्म में यूज़ कर सकते हैं। कोशिश करें कच्ची हल्दी इस्तेमाल करें और एक चुटकी काली मिर्च भी मिलाएं ताकि हल्दी के सारे गुण आपको मिल सके | इसके लिए आपको 1 गिलास पानी गर्म करें, उसमें 1 इंच कच्ची हल्दी का टुकड़ा कूटकर डालें, और एक चुटकी काली मिर्च फ्रेश कूटकर डालें | 5 मिनट तक उबालें , फिर छानकर जब हल्का गुनगुना हो जाए तो पी लें। Kali Jeeri
काली जीरी घाव को ठीक करने में भी हेल्पफुल है क्योंकि इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी–बैक्टीरियल गुण होते हैं जो घाव को जल्दी ठीक करते हैं।
आप काली जीरी का पाउडर, हल्दी और थोड़ा सा नारियल तेल या घी में मिक्स करके लेप बना लें। उस लेप को घाव पर लगा सकते हैं, अगर घाव ज़्यादा खुला या गहरा ना हो।
दिन में 1-2 बार इसका प्रयोग करें। या फिर 1/4 चम्मच काली जीरी पाउडर, हल्दी, हलकी सी काली मिर्च और गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट लें।
यह खून साफ करता है और बॉडी के नैचुरल हीलिंग सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाता है।
लेकिन दोस्तों, काली जीरी अगर गलत तरीके से ली जाए या ज़्यादा मात्रा में ली जाए, या बिना एक्सपर्ट की सलाह के ली जाए तो कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं —
जैसे –
लो शुगर, उल्टी, डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, तो तय मात्रा में ही लें।तो दोस्तों, ये थे काली जीरी के पावरफुल हेल्थ बेनिफिट्स जो आपके डेली लाइफस्टाइल में काफ़ी पॉजिटिव चेंज ला सकते हैं। Kali Jeeri