आज के इस ब्लॉग में हम एक ऐसा चमत्कारी चूर्ण लेकर आए हैं, जो ना सिर्फ आपके शरीर के दर्द को जड़ से मिटाएगा, बल्कि आपके पाचन तंत्र को भी ऐसा मजबूत बनाएगा कि गैस, अपच, भारीपन जैसी समस्याएं तो आप भूल ही जाओगे। और अगर पेट सही रहेगा तो आधी से ज्यादा बीमारियाँ तो वैसे ही ठीक हो जायेंगी , क्यूंकि पेट सही तो सब सही |
आज का नुस्खा सिर्फ एक चूर्ण नहीं है… ये एक संजीवनी है उन लोगों के लिए जो:
• रोज़ाना बदन दर्द से परेशान रहते हैं
• जोड़ों में अकड़न या सूजन महसूस करते हैं
• और यहाँ तक की ये उन लोगों को भी फायदा देगा जिनका पेट हर चीज़ से बिगड़ जाता है – गैस, अपच, जलन या भारीपन
ये है “चार तत्वों का चमत्कारी चूर्ण”, जो आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों की कसौटी पर खरा उतरता है। और सबसे मज़ेदार बात? ये चूर्ण आप घर पर खुद बना सकते हैं – सिर्फ 4 चीज़ों से!
चलो सबसे पहले जानते हैं इस चूर्ण में लगने वाली सामग्री:
• अजवाइन – 200 ग्राम
• जीरा – 100 ग्राम
• सौंफ – 50 ग्राम
• इलायची – 25 ग्राम
इसमें से अजवाईन, जीरा और सौफ को हल्का सा सेंक लेना है – मतलब ड्राई रोस्ट। ताकि इनके अंदर के आवश्यक तेल (Essential oils) एक्टिवेट हो जाएं। रोस्टिंग से इनकी बायोअवेलेबिलिटी बढ़ जाती है – यानी शरीर इन्हें जल्दी और अच्छे से absorb कर पाता है।
जब इनसे हल्की-हल्की खुशबू आने लगे, तब गैस ऑफ कर दें और इन्हें कढाई में से निकाल लें , क्यूंकि कढाई अभी गरम है तो मसालों के जलने का डर रहेगा , हमे मसाले हलके भुने हुए चाहिए , इनको बहुत ज़यादा पकाना नहीं है |
इन्हें हल्का ठंडा होने दें | अब इसमें इलाइची मिलाकर दरदरा पीस लें । बस हो गया आपका चमत्कारी चूर्ण तैयार! अगर आप चाहें तो इसको छान भी सकते हैं | छानने के बाद जो residue बचे , उसे एक बार और मिक्सी में डालकर पीस लें | नहीं तो आप इसको बिना छाने भी consume कर सकते हैं |
इसे किसी स्टील या कांच की बोतल या डब्बे में स्टोर करके रखें | प्लास्टिक कंटेनर मेंआपको इसको स्टोर बिलकुल नहीं करना है | इस मात्रा में बनाएंगे तो आपके पुरे परिवार के लिए ये आराम से 2-3 महीने तक चलेगा |
चलिए चूरन तो बन गया , अब जान लेते हैं की इसका सेवन कैसे करना है और ये कैसे करता है, यानि किन – किन समस्याओं में फायदा दे सकता है |
आप सोच रहे होंगे की – “भई, ये तो सिंपल मसाले हैं… इतना असर कैसे दिखाते हैं ?”
चलिए, अब आपको बताते हैं इसके पीछे की साइंस।
सबसे पहले बात करेंगे अजवाइन की, तो आपको बता दें की इसमें होता है थायमोल (Thymol), जो powerful antimicrobial है, ये पेट की गैस, बदहजमी और सूजन को दूर करता है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बॉडी पेन और जॉइंट पेन में राहत देते हैं।
Journal of Ethnopharmacology (एथनोफार्माकोलोजी) की एक स्टडी के अनुसार, अजवाइन में मौजूद थायमोल इंटेस्टाइनल फ्लोरा को बैलेंस करता है।
अब जीरा (Jeera) तो बात करें तो जीरा एक बेहतरीन डाइजेस्टिव है। इसमें होता है क्यूमिनिन (Cuminin), जो पाचन एंज़ाइम्स को एक्टिव करता है। ये आपके पेट की आंतों को रिलैक्स करता है और खाना जल्दी पचाता है। यह आयरन का अच्छा स्रोत है जो थकान में राहत देता है।
सौंफ (Saunf) में पाया जाता है एनेथोल (Anethole) – ये गैस्ट्रिक जूस को बढ़ाता है और पेट को ठंडक देता है। साथ ही इसका खुशबूदार स्वाद आपके मूड को भी अच्छा करता है। इसके सेवन से bloating, acidity और पेट में गैस की शिकायत तुरंत कम होती है।
Women’s Health Research में बताया गया है कि सौंफ का सेवन menstrual cramps में भी मदद करता है।
और इलायची (Elaichi) !!!! इसे “Queen of Spices” कहा जाता है।
इसमें cineole (सिनेओल) होता है – जो नर्वस सिस्टम को शांत करता है और एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है इसीलिए और शरीर में सूजन यानि inflammation को कम करता है। साथ ही इसमें है potassium, magnesium और antioxidants, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
तो देखा आपने , ये मसाले साधारण मसाले नहीं हैं …..
अब सबसे ज़रूरी बात – इसका सेवन कैसे करना है?
✅ दिन में दो बार – खाना खाने के बाद, आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ से चूरन को लें । ठंडे पानी के साथ आपको ये चूरन नहीं लेना है और ना ही बहुत ज्यादा गर्म पानी के साथ ….गुनगुने पाने के साथ लें तभी पुरे फायदे मिलेंगे |
✅ अगर दर्द ज्यादा है, तो एक चम्मच भी लिया जा सकता है।
✅ छोटे बच्चों को यानि 5 से 10 साल तक के बच्चों को आधा चम्मच से ज्यादा ना दें और 5 साल से नीचे के बच्चों को देना avoid करें |
इस चूर्ण का कोई साइड इफेक्ट नहीं है, परंतु प्रेग्नेंट महिलाएं या जिनकी कोई विशेष मेडिकल कंडीशन है, वो अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। जिन्हें पेट में अलसर की समस्या है वो भी इसके लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें |
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी पाचन शक्ति को जीवन शक्ति माना गया है। और ये चारों सामग्री वात, पित्त और कफ – तीनों दोषों को संतुलित करती हैं। आयुर्वेद में इसे “अग्निदीपक” कहा जाता है – यानी पाचन अग्नि को प्रज्वलित करने वाला।
वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो यह चूर्ण: Anti-inflammatory, Carminative यानि गैस कम करने वाला, Digestive stimulant और Pain reliever के रूप में काम करता है।
PubMed और NCBI की कई स्टडीज़ में इन चारों हर्ब्स को “functional food” माना गया है – यानी जो शरीर पर दवा की तरह असर करता है।
हमने इस चूर्ण को कई लोगों पर आजमाया है – बुज़ुर्गों के जोड़ों के दर्द हों, महिलाओं की पीठ दर्द की शिकायत या बच्चों का बार-बार पेट खराब होना – ये सभी में असरदार है और पाचन में तो ये तुरंत असर दिखाता है और रेगुलर लेने पर जोड़ों के दर्द , बॉडी पेन में भी काफी असर दिखाता है।
एक हफ्ते के नियमित सेवन से ही आप फर्क महसूस करेंगे – शरीर हल्का, मन प्रसन्न और पेट बिलकुल दुरुस्त।
ये नुस्खा आपकी रसोई में मौजूद मसालों से बना है – महंगे सप्लीमेंट्स या दर्द की मेडिसिन से आपको छुटकारा दिलाएगा । और आप तो जानते ही हैं की पेनकिलर, दर्द तो कुछ समय के लिए ठीक कर देती है लेकिन ये temporary असर होता है और ये आपके शरीर के बाकी अंगों पर बुरा असर भी डालती है, खासकर किडनी पर |
इस चूर्ण को डाइट में शामिल करने के साथ ही आपको कुछ छोटी-छोटी आदतें और बदलाव भी अपने रोज़ के रूटीन में करने होंगे, ऐसा करने से आपकी सेहत कई गुना बेहतर बना सकती है
सात Positive Lifestyle Habits जो आपको अपनानी हैं :
1. सबसे पहले , सुबह उठते ही गुनगुना पानी पिएं– इससे शरीर detox होता है और मेटाबॉलिज़्म एक्टिव होता है।
2. हर रोज़ 30 मिनट वॉक या हल्की एक्सरसाइज या योग ज़रूर करें – – ये शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है और जोड़ों की stiffness को कम करके मोबिलिटी को बढाता है।
3. लंबे समय तक एक ही पॉज़िशन में न बैठें – हर 30 मिनट में थोड़ा चलें, स्ट्रेच करें। ये स्पाइन और घुटनों को हेल्दी रखता है।
4. खाना अच्छे से चबा-चबाकर खाएं – – ये पाचन तंत्र पर लोड कम करता है और गैस, अपच जैसी समस्याएं नहीं होतीं।
5. खाने और सोने के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर रखें और सोने से कम से कम 3 घंटे पहले कैफीन , यानि चाय कॉफ़ी पीना avoid करें-– खाना खाने के तुरंत बाद सोने से अपच और एसिडिटी होती है।
6. तनाव को कम करें – मेडिटेशन या प्राणायाम से -– क्योंकि तनाव सीधे आपके पेट और शरीर के दर्द से जुड़ा होता है।
7. दिन का खाना भारी और रात का खाना हमेशा हल्का रखें -– रात में पाचन धीमा हो जाता है, इसलिए हल्का खाना बेहतर पचता है।
इसके साथ ही कुछ आदते आपको बदलनी हैं जो आपके शरीर में सूजन और पाचन की गड़बड़ी के बढ़ने का कारण बनती हैं –
1. बहुत ज्यादा तला-भुना और तेज मसालेदार खाना खाने से बचें – ये आंतों को irritate करता है और सूजन बढ़ाता है।
2. रेफाइंड ऑयल्स और प्रोसेस्ड फूड से बिलकुल दूर रहें – इनमें ट्रांस फैट होते हैं जो जोड़ों के दर्द और वजन बढ़ने की बड़ी वजह हैं। देसी घी का इस्तेमाल करें , और सरसों के तेल में खाना बनाएं | कम तेल इस्तेमाल करें |
3. कोल्ड ड्रिंक्स और बर्फ वाले पानी – एकदम NO बोल दें – ये आपकी digestive fire (अग्नि) को कमजोर करता है।
4. बहुत ज़्यादा चीनी और सफेद आटा भी avoid करें– ये शरीर में कफ दोष और सूजन को बढ़ाता है, जिससे दर्द होता है।
5. बिना भूख के खाना ना खाएं -– जब पाचन अग्नि जागृत न हो, तब खाना जहर बन सकता है – आयुर्वेद यही कहता है।
इस चूर्ण के साथ अगर इन lifestyle changes को अपने जीवन में अपना लेंगे, तो आप न सिर्फ दर्द से राहत पाएँगे, बल्कि एक नई एनर्जी भी महसूस करेंगे।”
याद रखिए – इलाज सिर्फ बाहर से नहीं होता, बदलाव अंदर से भी ज़रूरी है।” तो दोस्तों, अब देर किस बात की? आज ही बनाइए ये देसी चूर्ण – स्वास्थ्य भी, स्वाद भी! और अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आई हो, तो अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें।