Cervical Cancer: महिलाओं को होने वाला दूसरा बड़ा कैंसर | गलती से भी न करें इन लक्षणों को नज़रअंदाज़

Cervical Cancer: महिलाओं को होने वाला दूसरा बड़ा कैंसर | गलती से भी न करें इन लक्षणों को नज़रअंदाज़
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कैंसर बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जो की कई तरह से लोगों को बीमार बनाती है और इसी में से एक है सर्वाइकल कैंसर। जी हां, यह भारत जैसे विकासशील देशों में महिलाओं को होने वाला दूसरा बड़ा कैंसर है। इसमें राहत की बात यह है कि यदि समय पर जांच और सावधानी बरती जाए तो इससे बचाव और इलाज दोनों संभव है। एक रिपोर्ट के अनुसार समय पर इलाज न मिलने पर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में ये कैंसर उनकी मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन रहा है, जबकि इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर क्या होता है? What is Cervical Cancer in Hindi

कैंसर की बीमारी में शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है, और जिस हिस्से पर यह कोशिकाएं बढ़ती है उसी से उस कैंसर का नाम रखा जाता है। जब गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर शुरू होता है तो ऐसे में ग्रीवा की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है, जिसे हम सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के नाम से जानते हैं। गर्भाशय ग्रीवा योनी को गर्भाशय के ऊपरी हिस्से से जोड़ता है। ग्रीवा निचले गर्भाशय का संकीर्ण हिस्सा होता है। आमतौर पर ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (HPV Virus) की वजह से सर्वाइकल कैंसर होता है। यह एक यौन संचारित वायरस है जो सेक्सुअल ऐक्ट्स के ज़रिए फैलता है। यह कैंसर हर उम्र की महिलाओं को हो सकता है लेकिन यह मध्य जीवन के महिलाओं को ज्यादा होता है। आंकड़ों के मुताबिक, 6-7 प्रतिशत महिलाओं को किसी भी उम्र में सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। हालांकि, अधिकांश मामलों में एचपीवी इंफेक्शन खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है। लेकिन, कुछ मामलों में यह कैंसर की वजह बन सकता है|

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कई बार छोटी उम्र में भी अधिक बार शारीरिक संबंध बनाने से भी सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके लक्षणों को पहचानकर यदि इलाज जल्दी शुरू कर लें तो बचने की संभावना काफी ज्यादा होती है। इसे पहचानने के लिए पैप टेस्ट (Pap Test) कराया जाता है।

आप नीचे वीडियो में भी डॉक्टर से Cervical Cancer से जुड़ी हर बातें जान सकते हैं।

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सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लक्षण – Cervical Cancer Symptoms in Hindi

  • असामान्य वैजाइनल ब्लीडिंग
  • पीरियड नहीं होने पर भी ब्लीडिंग का होना
  • कमर या पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • पेशाब करते समय दर्द होना या खून आना
  • डायरिया, मल त्याग करते समय खून आना या फिर दर्द होना
  • यौन संबंध बनाते समय दर्द होना
  • थकान महसूस करना
  • योनि से बदबू आना या डिस्चार्ज होना
  • पेल्विक दर्द जो पीरियड्स से संबंधित नहीं है
यह उपर बताए गए लक्षण किसी और स्वास्थय समस्या के कारण भी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। इस बात का भी ध्यान रहे कि सर्वाइकल कैंसर के कोई शुरूआती लक्षण नहीं होते हैं। पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी के नियमित स्क्रीनिंग कराने से कोशिकाओं में बदलाव का पता लग सकता है और कैंसर को बनने या बढ़ने से रोका जा सकता है।

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